Friday 16 September 2011

सफाई कर्मी जातियों की रोजी-रोटी निजीकरण के माध्यम से खत्म करना एक षडयंत्र है

अनुसूचित जातियो मे सफाई कर्मी जातीयां सबसे पिछड़ी है ।घृणीत काम करनेपर मजबूर होनेवाली इन जातियों को ऊपर उठाने के लिए सरकार ने कोई प्रबंध नही किया । सफाई का काम ठेकेदारी पर देकर सरकार ने केवल उनका रोजगार ही नही छिना, बल्कि ठेकेदारो को सफाई कर्मियों का शोषण करने की खुली छूट दी है ।सफाई कर्मियों को और ज्यादा लाचार करके जानवरो से भी बद्तर जिंदगी जिने पर मजबूर किया है ।इसका हम तिव्र विरोध करते है ।

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