Saturday, 5 November 2011

मेरे जैसा निकम्मा इन्सान अब तक इस दुनिया में जिंदा


मेरे जैसा निकम्मा इन्सान अब तक इस दुनिया में जिंदा है ... पता नहीं कैसे.... जाने अनजाने में मैंने अपने लोगो को ढेर सारे दुःख दिए .... उन के लिए मैं क्षमा के काबिल तो नहीं हु पर क्षमा का प्रार्थी जरुर हु.... पर अच्छा होगा अगर क्षमा मुझे न मिले .... 
शायद ये मेरा आखरी पोस्ट हो.... सब कुछ निर्भर करता है उन पे जिनका मैंने दिल दुखाया है.... अमिता ताई, मुझे पता है की आप मुझे माफ़ी नहीं देने वाली हो पर ये बात जरुर याद रखना की मैं हमेशा से अगर किसी को अपने दिल के करीब रखा होगा तो वो आप हो... 
आप सब लोगो से शायद ही आगे मिल सकूँगा... दोस्तों अगर जाने अनजाने में मैंने आप में से किसी का भी दिल दुखाया हो तो माफ़ कर देना..

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